6.)गणित के अनुशासनात्मक मूल्य की व्याख्या कीजिये.!
6.)गणित के अनुशासनात्मक मूल्य की व्याख्या कीजिये.!
प्रश्न 6 . गणित के अनुशासनात्मक मूल्य की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - व्यक्ति के अन्दर अनुशासनात्मक मूल्य गणित शिक्षण से विकसित होते हैं । छात्रों की विभिन्न मानसिक शक्तियों जैसे - एकाग्रता , आत्मविश्वास , आत्मनिर्भरता , क्रमबद्धता , ईमानदारी , मौलिकता , परिशुद्धता , समझने की शक्ति आदि का विकास गणित शिक्षण से ही सम्भव है । मस्तिष्क को अनुशासन में रखने में गणित विषय सहायक है । छात्रों को विभिन्न मानसिक क्रियाओं का प्रशिक्षण गणित विषय से ही प्राप्त होता है । छात्र अन्धविश्वासों को आधार मानकर किसी भी तथ्य को सही नहीं मानते हैं बल्कि उनका परीक्षण एवं निरीक्षण करके निष्कर्ष निकालते हैं और सत्यता की जाँच करते हैं । • गणित के द्वारा मानसिक व्यायाम भी होता है । गणित शिक्षण में स्मृति शक्ति का प्रयोग कम से कम होता है । विवेक शक्ति प्रखर हो जाती है । सूक्ष्म निरीक्षण की आदत का विकास गणित के अध्ययन से होता है । संसार के गूढ़ तत्त्वों के विषय में चिन्तन करने की आदत का निर्माण गणित के द्वारा ही सम्भव है । गणित के प्रमुख अनुशासनात्मक मूल्य अग्रलिखित हैं 1 . शुद्धता , 2 . परिणामों की निश्चितता , 3 . मौलिकता , 4 . संक्षिप्तता , 5 . परिणामों की पष्टि 6 . दैनिक जीवन की यथार्थता से समानता , 7 . क्रमबद्धता , 8 . समय का ध्यान ।
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